Home » Uncategorized

Uncategorized

आज 24 जून 2025 को जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया दिल्ली फिलिस्तीन के लिए उठ खड़ी हुई

फिलिस्तीन के मित्र नरसंहार के खिलाफ जन आन्दोलन इस्माइली कब्जा खत्म करो! हम खुद की रक्षा के लिए खडे है गा पर टीआई समाप्त करे    158 Views

आज दिनांक 22 जून 2015 को 80 : 20 के खिलाफ नर्सेज का देशब्यपी विशाल धरना प्रदर्शन किया गया जंतर मंतर पर

नर्सेज का सेवा से सड़क तक का संघर्ष एम्स और ESIC की भर्तियों मे लागू हो  हमारी मांगे पूरी नहीं हुई हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हम सब सड़क से लेकर सांसद तक जायेगे 153 Views

आज दिनांक 21 जून 2025 को जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया            सेवा में, 



श्रीमान अपर आयुक्त महोदय, संसद मार्ग थाना, निकट जंतर मंतर नई दिल्ली 110001

Note: Tissan acknowledgement of your letter/communication and may not besonstrued as purmission.

द्वितिय चरखा जन्टर भन्टर के उपरान्त

प्रेषक, परने का स्थान जन्तर मन्त ओमप्रकाश धामा पुत्र स्व० श्री पीतम सिंह निवासी कस्बा खेकड़ा, जनपद बागपत । आप्रेशन सिन्दूर मुख्य विषय सवैधानिक घसा अनुमति पत्र

विषय :- खरबों रूपये का भूमि घोटाला, असली व नकली दो प्रकार का रिकार्ड रंगे हाथ पकड़वाने के सम्बन्ध में पूर्व में दिये गये ज्ञापन के अनुसार 11.06.2025 को सुप्रीम कोर्ट ने देश की न्यायिक गरिमा को बचाने हेतु धरना दिया जा रहा है जिसका पूर्व में धरना वर्तमान प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी के खिलाफ 02 जून 2023 को दिये गये धरने के उपरान्त भी तहसील व राजस्व कर्मियों द्वारा मचायी जा रही प्रति दिन करोड़ों रूपये की रिश्वतखोरी तथा कस्बा खेकड़ा में भू-माफियाओं द्वारा जब फर्जी दैनामें, फर्जी व अवैध कब्जे का रिकार्ड का दुरुस्तीकरण जो 15.07.1970 को इलाहाबाद हाई कोर्ट से हो चुका है जंगल राज खातमा करने के सम्बन्ध में ।

महोदय,

सत्यता यह है कि उक्त ग्रामों की 10 हजार बीघा जमीन कच्ची करीब 850 है० भूमि महाजनों के यहां बंधित थी जिसका भुगतान प्रार्थी के पिताजी व दादाजी ने 12.01.1954 से लेकर 28.05.1957 तक किया था जिनके समस्त दाखिल खारिज खतीनियों में हो गये थे, जिसका उल्लेख खतौनी सहित रजिस्टर कागजात मालकान जो महत्वपूर्ण राजस्व पत्र होता है तथा उसी से नामान्त्रण भही बनती है। जिसके उपरान्त दाखिल खारिज होता है। यह सब तहसीलदार खेकड़ा एवं रजिस्ट्रार कानूनगो के पास होता है। इसके साक्ष्य पूर्व में जिला सत्र न्यायालय मेरठ इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश हो चुके है। इन सभी की धज्जियां उडाकर मेरे प्रतिवादीगण जिनके चकबन्दी जोत पत्र 45 पर हाईकोर्ट व सी०ओ० न्यायालय इलाहाबादहाईकोर्ट धारा 109ए आदेश दिनांक 15.07.1970 होना पाया जाता है जो संविधान की नजरों में धूल झोंक रहा है। इन्होने मेरे पिताजी की हत्या कराकर उक्त दोनों गाँव का 1359 फसली वर्ष से लगाकर 1370 फसली वर्ष की 6 खतौनियां असली बदलकर जिनको तहसील मुख्यालय से रंगे हाथ पकड़वाया जा सकता है। जिनको इलाहाबाद हाईकोर्ट में निर्णित होने के बाद तहसील में मेरे दादाजी की वसियत मु०सं० 170 धारा 34 न्यायालय तहसीलदार बागपत आदेश दिनांक 13.07.1977 वादी खीमा पुत्र मानसिंह पक्ष । खुद दादाजी प्रतिवादी ओमपकाश व ईश्वर व बहन संतोष व माता जी हुसनकौर मुस्ममात उपरोक्त तीनों चकबन्दी जोत पत्र 5 बेसिक खतौनी चकबन्दी एवं शुद्ध खतौनी चकबन्दी 1368 ता 1370 फसली खतौनी के आधार पर हो चुका है। आशा है कि न्याय एवं भारत के संविधान की गरिमा बचाने के लिए मैं और मेरे साथी दिनांक 11.06.2025 को शान्तिपूर्वक धरना करेंगे। जिसमें सुप्रीम कोर्ट बार-बार भ्रामक आदेश कर रहा है जो साथ में संलग्न है एवं सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 19 व 5 का उलन्धन है। जिन्दा रहना व न्याय प्राप्त करना तथा घोटाला रंगे हाथ पकड़वाना के लिए आर०टी०आई० सं० 125/2025 सर्वोच्च न्यायालय को 10 करोड़ रूपये की सम्पत्ति के बैनामें जिनपर वह काबिज है सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराकर सत्यता से अवगत कराने हेतु शान्ति पूर्वक धरना कराने सहयोग देंगे। आपकी अति कृपा होगी । दिनांक 09.06.2025

प्रार्थी Omprakash Dhamg ओमप्रकाश धामा पुत्र स्व० श्री पीतम सिंह

नि० कस्बा खेकड़ा, पट्टी औरंगाबाद, घर का स्थायी पता खसरा सं० 9948. 9949, 9950, 9951 मो0नं0-9719540770 आधार कार्ड सं0 2995 8613 2769

२१ ५०० साप मेसलग है

209 Views

आज दिनांक 20 जून को जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन हुआ                     चिन शरणार्थी समिति

बी-23ए, द्वितीय तल, 20 फीट रोड।

चाणक्य प्लेस पार्ट 1. उत्तम नगर, न्यू डे-11099

ईमेल

आदर्श वाक्य: एक दूसरे की सेवा करो

संदर्भ: सीआरसी क्रो/81/2025

को

तारीख

मिशन प्रमुख यूएनएचसीआर कार्यालय 82/16, वसंत विहार

प्रिय मैडम,

हम आपको म्यांमार में शरण लेने वाले शरणार्थी और शरण चाहने वालों की ओर से लिख रहे हैं, जिनमें से कई 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद भाग गए थे। म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद, मार जुंटा ने हजारों निर्दोष नागरिकों को बेरहमी से मार डाला। मामले को बदतर बनाने के लिए, गांवों को जला दिया गया, जिससे लोग निराश और असहाय हो गए। इन कारकों के कारण कई शरणार्थियों को अपने जीवन की सुरक्षा के लिए मलेशिया, थाईलैंड और भारत भागना पड़ा। हालाँकि, यह जानकर बहुत दुख हुआ कि 2021 के तख्तापलट के बाद म्यांमार के किसी भी शरणार्थी को UNHCR द्वारा शरणार्थी के रूप में मान्यता नहीं दी गई है, जिसमें भारत सरकार द्वारा निर्धारित सख्त सुरक्षा उपायों सहित अनगिनत समस्याएँ और चुनौतियाँ हैं।

हम सम्मानपूर्वक और दृढ़ता से यह व्यक्त करना चाहते हैं कि हम UNHCR की कार्यान्वयन भागीदार एजेंसी (BOSCO) द्वारा प्रस्तावित ऐसे फंड को स्वीकार करने या वर्तमान गंभीर परिस्थितियों में प्रस्तावित समारोह में भाग लेने की स्थिति में नहीं हैं। हमारे कारण हमारी कानूनी, मानवीय और सुरक्षा वास्तविकताओं में गहराई से निहित हैं, जिन्हें हम उम्मीद करते हैं कि UNHCR स्वीकार करेगा और संबोधित करेगा

यद्यपि हम विश्व स्तर पर शरणार्थियों के अधिकारों को बढ़ावा देने में यूएनएचसीआर और साझेदार एजेंसियों के काम को बहुत महत्व देते हैं, फिर भी हमें कई महत्वपूर्ण चिंताओं को सम्मानपूर्वक उजागर करना चाहिए, जो कई शरणार्थियों, विशेष रूप से म्यांमार से वर्तमान में भारत में रह रहे शरणार्थियों के लिए, इस पहल में अपेक्षित रूप से भाग लेना – प्रतीकात्मक और व्यावहारिक रूप से – कठिन बना रही हैं:

1. कानूनी मान्यता और संरक्षण का अभाव

म्यांमार में 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद से, हजारों लोग उत्पीड़न, सशस्त्र संघर्ष और म्यांमार में गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन के कारण देश छोड़कर भाग गए हैं। हममें से कई लोगों को भारतीय कानून के तहत शरणार्थी के रूप में मान्यता नहीं दी गई है, न ही 2021 के बाद से UNHCR द्वारा दस्तावेज़ जारी किए गए हैं। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि हम म्यांमार के नागरिकों को UNHCR (भारत) द्वारा छोड़ दिया जा रहा है और हमें आधिकारिक तौर पर शरणार्थी के रूप में मान्यता नहीं दी गई है, और इसके बजाय हमें हिरासत में लिए जाने, निर्वासन या लंबे समय तक राज्यविहीन होने का खतरा है। औपचारिक शरणार्थी स्थिति या कानूनी सुरक्षा के बिना, हमसे हमारी “शरणार्थी पहचान” का जश्न मनाने के लिए कहना कपटपूर्ण, दर्दनाक और विरोधाभासी लगता है। परिणामस्वरूप:हमें सुरक्षा और कानूनी दर्जा देने से मना किया गया

हम कानूनी रूप से काम नहीं कर सकते, स्वतंत्र रूप से शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते, या गिरफ्तारी या निर्वासन के डर के बिना आगे नहीं बढ़ सकते

2. वर्तमान सुरक्षा एवं राजनीतिक चुनौतियाँ

भारत में मौजूदा राजनीतिक माहौल, जिसमें मौजूदा सत्तारूढ़ सरकार के तहत बढ़ती प्रतिबंधात्मक नीतियां शामिल हैं, ने शरणार्थी आबादी के लिए जीवन को और भी अधिक अनिश्चित बना दिया है। निगरानी, बुनियादी सेवाओं तक सीमित पहुंच और दस्तावेज़ों की कमी के कारण बढ़ती भेद्यता ने हमारे दैनिक संघर्षों को और भी जटिल बना दिया है।

भारत में राजनीतिक स्थिति पर टिप्पणी (2025)

1. भाजपा नेतृत्व वाली सरकार जारी:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2024 के आम चुनावों के बाद भी सत्ता पर काबिज रहेगी।

सरकार राष्ट्रवादी और सुरक्षा-केंद्रित एजेंडा रखती है, जिसमें अक्सर आंतरिक सुरक्षा, सीमा नियंत्रण और राष्ट्रीय पहचान पर जोर दिया जाता है।

2. सख्त आव्रजन और शरणार्थी नीतियां:

भारत के पास कोई राष्ट्रीय शरणार्थी कानून नहीं है, तथा उसने 1951 के संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी सम्मेलन या उसके 1967 के प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं।

सरकार शरणार्थियों और अवैध प्रवासियों को अंतर्राष्ट्रीय संरक्षण की आवश्यकता वाले व्यक्तियों के बजाय अवैध विदेशियों के रूप में मानती है।

3. विदेशी नागरिकों पर बढ़ता दबाव:

हाल के वर्षों में अवैध विदेशियों पर कार्रवाई में वृद्धि देखी गई है, जिसमें हिरासत, निर्वासन और सख्त वीज़ा नियम शामिल हैं।

इससे भारत में बिना किसी औपचारिक मान्यता के रह रहे सभी शरणार्थी और शरण चाहने वाले प्रभावित होंगे।

भारत में शरणार्थियों के सामने आने वाली चुनौतियाँ (2025)

1. म्यांमार से आए शरणार्थियों को कानूनी मान्यता न मिलना

म्यांमार में 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद से कई लोग शरण लेने के लिए भारत भाग गए हैं।

हालाँकि, भारत सरकार ने उन्हें अवैध प्रवासी मानते हुए शरणार्थी के रूप में मान्यता देने से इनकार कर दिया है

यूएनएचसीआर भारत ने 2021 के बाद म्यांमार के नागरिकों को नए शरणार्थी कार्ड जारी करना बंद कर दिया, जिससे कई लोग अपंजीकृत और असुरक्षित रह गए।

2. गिरफ्तारी और निर्वासन का जोखिम

म्यांमार से विशेषकर रोहिंग्या मुसलमानों और चिन ईसाइयों को हिरासत में लेने और निर्वासित करने के कई मामले सामने आए हैं

अन्सेटिड को लौटें एक्सेंट रेस का अटैक सरकार हेस्टेर कानूनी रोज़गार विद्रोही योजनाओं पर आवास कई लोग थॉम्स या अनौपचारिक बस्तियों में रहते हैं सुरक्षा निगरानी और आवागमन प्रतिबंध शरणार्थी बस्तियों पर अक्सर स्थानीय खुफिया एजेंसियों द्वारा नजर रखी जाती है आवागमन प्रतिबंधित है, और शरणार्थियों को ऐसी सार्वजनिक गतिविधियों से बचना चाहिए जो संदिग्ध

कोली समाज को SC प्रमाण पत्र न मिलने पर किया जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन 17 जून 2025 को किया गया जल्दी प्रमाण पत्र नहीं जारी किया गया तो होगा बहुत बड़ा आंदोलन दी सरकार को चेतावनी कोली समाज के लोगो ने

536 Views

आंगनवाड़ी महिला कर्मचारियों की ललकार होश में आओ मोदी सरकार के नारे लगाए साथ मोदी हाय-हाय के नारे लगे जंतर मंतर दिल्ली पर मे 18 जून 2025 को अपनी मांगो को लेकर मांगे पूरी नहीं हुई तो होगा विशाल धरना

1,487 Views

नई दिल्ली 14 जून 2025 को सामाजिक प्रभाव और सकारात्मक परिवर्तन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण क्षण के रूप में,

सामाजिक प्रभाव और सकारात्मक परिवर्तन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में, “Positive Barta” को आज Asia Book of Records द्वारा एक प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान “किसी एक व्यक्ति द्वारा विभिन्न मंचों पर सबसे बड़े सामाजिक सशक्तिकरण अभियान” जैसी दुर्लभ और अद्वितीय श्रेणी में प्रदान किया गया। यह समारोह

         17 जून 2025 को                धरना प्रदर्शन जंतर मंतर नई दिल्ली                                        दिल्ली मेट्रो रेल के MD के खिलाफ    
बहुत जल्द होकर आयेगी फ्रांस से जांच और  MD की संपत्ति की होगीCBI जांच टेंडर मे की गई हेरा की                    सभी टॉम ऑपरेटर को अवगत कराना चाहता हूं कि आप सभी लोगों से जो पांच-पांच फोटो कापी ब्लैक पेपर पर जो हस्ताक्षर  कराए जा रहे हैं कंपनी वालों ने आपको निकालने की पूरी तैयारी कर ली है कोई भी ऑपरेटर ब्लैंक पेज पर हस्ताक्षर ना करें जो सुपरवाइजर आपसे ले जा रहे हैं रीजॉइनिंग के नाम पर इससे कंपनी वाले आपके साथ फ्रॉड करेंगे इस फ्रॉड से बचने के लिए आप कहीं पर हस्ताक्षर न करें
भ्रष्टाचारी मेट्रो का कोई भी नहीं बचेगा सभी की जांच होंगी                          
नई जॉइनिंग के लिए डेढ़ से पौने दो लाख रुपए लिए जा रहे हैं सुपरवाइजर द्वारा उन पर भी शिकंजा कसा जाएगा क्योंकि वह कंपनी के मालिकऔर मैनेजर को पहुंचाने का काम करते हैं मोटी रकम
     इन भ्रष्टाचारियों के जाल में अब कोई न फंसे यह आपको लूटते रहेंगे और आप लूटते रहेंगे
                 
बबलू की प्रतिज्ञा मेट्रो के भ्रष्टाचार का खात्मा ना झुका हूं ना झुकूंगा ना डरा हूं ना डरूंगा
 
1.  दिल्ली मेट्रो रेल में हो रहे प्राइवेट कर्मचारियों पर शोषण उत्पीड़न अत्याचार के खिलाफ  
2..आप सभी प्राइवेट कर्मचारियों से अनुरोध है कि अधिक से अधिक संख्या में पहुंचे

3.सभी प्राइवेट कर्मचारियों को अवगत कराना चाहता हूं कि जो भी कर्मचारी शोषण उत्पीड़न अत्याचार के शिकार हो चुके हैं
रिकॉल के नाम पर जो निकल गए कर्मचारियों को भ्रष्टाचारियों द्वारा जोईनिंग के समय ली मोटी रकम  वापस कराई जाएगी चाहे वह 10 साल पुराना कर्मचारी हो उसको भी उसका हक दिलाया जाएगा

4.दिल्ली मेट्रो के बड़े अधिकारियों द्वारा टिकट वेंडिंग  के टेंडर में हेरा फेरी की गई उसकी भी CBI की जांच की मांग करेंगे

5.सफाई कर्मचारियों का जीएसटी के नाम पर लुटा जा रहा प्रतिमा वह बंद

6.दो-तीन साल से बोनस नहीं दिया गया है वह बोनस मिले

7.दो-तीन माह से रुकी हुई सैलरी तत्काल उनके अकाउंट में ट्रांसफर की जाए

8. फर्जी दस्तावेज वाले मैनेजर सुपरवाइजर जो नौकरी छोड़ चुके हैं मेट्रो के बड़े अधिकारियों कंपनी के मालिकों के भाई की तत्काल कार्रवाई हो और जेल भेजा जाए

9.जीएसटी के नाम पर घूसखोरी बंद हो
10. सभी कर्मचारियों का  4  साल का कार्ड बने उसके लिए मांग करेंगे कि जब तक टेंडर है उसको नौकरी से ना निकल जाए
11.दिल्ली मेट्रो में भ्रष्टाचार अधिकारियों एवं कंपनी के मालिक मैनेजर और जो जीएसटी का रुपया इकट्ठा करते हैं नौकरी के नाम पर   उनकी संपत्ति की सीबीआई जांच हो

12.सभी प्राइवेट कर्मचारियों की समस्या को लेकर मैं आपको अवगत कराना चाहता हूं कि यह बबलू की गारंटी है जो भी भाई धरना प्रदर्शन में  आएगा वह 10 साल पुराना कर्मचारी क्यों ना हो सबको न्याय मिलेगा उसका पैसा उसको वापस कराया जाएगा धन्यवाद
 
आपका अपना भाई
बबलू सिंह कठेरिया
दिल्ली मेट्रो रेल किरान्तिकारी
8273982929
9953134004                             धर्मेंद्र सिंह ex टॉम ऑपरेटर NCES नेहा NCES ex टॉम ऑपरेटर देव तिवारी सफाई कर्मचारी रतन दास सफाई कर्मचारी                            भोजू सफाई कर्मचारी आदि                     

                 457 Views

04जून 2025 सामाजिक न्याय और सम्मान के लिए DSMM दलित शोषण मुक्ति मंच का एक दिवसीय धरना प्रदर्शन जंतर मंतर दिल्ली                    हमारी मांगे                                          

1-मध्य पदेश उच्च न्यायलय परिसर मे अम्बेडकर की प्रतिमा की स्थापना मे विलम्ब नहीं सहेगे   2-दिल्ली उच्च न्यायालय परिसर में डॉक्टर अंबेडकर की प्रतिमा की स्थापना करो! 3- सामाजिक न्याय और भूमि के अधिकार को लागू करो! 4- संविधान पर हमले बंद करो 220 Views

आज दिनांक 21 जून 2025 को जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया            सेवा में, 



श्रीमान अपर आयुक्त महोदय, संसद मार्ग थाना, निकट जंतर मंतर नई दिल्ली 110001

Note: Tissan acknowledgement of your letter/communication and may not besonstrued as purmission.

द्वितिय चरखा जन्टर भन्टर के उपरान्त

प्रेषक, परने का स्थान जन्तर मन्त ओमप्रकाश धामा पुत्र स्व० श्री पीतम सिंह निवासी कस्बा खेकड़ा, जनपद बागपत । आप्रेशन सिन्दूर मुख्य विषय सवैधानिक घसा अनुमति पत्र

विषय :- खरबों रूपये का भूमि घोटाला, असली व नकली दो प्रकार का रिकार्ड रंगे हाथ पकड़वाने के सम्बन्ध में पूर्व में दिये गये ज्ञापन के अनुसार 11.06.2025 को सुप्रीम कोर्ट ने देश की न्यायिक गरिमा को बचाने हेतु धरना दिया जा रहा है जिसका पूर्व में धरना वर्तमान प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी के खिलाफ 02 जून 2023 को दिये गये धरने के उपरान्त भी तहसील व राजस्व कर्मियों द्वारा मचायी जा रही प्रति दिन करोड़ों रूपये की रिश्वतखोरी तथा कस्बा खेकड़ा में भू-माफियाओं द्वारा जब फर्जी दैनामें, फर्जी व अवैध कब्जे का रिकार्ड का दुरुस्तीकरण जो 15.07.1970 को इलाहाबाद हाई कोर्ट से हो चुका है जंगल राज खातमा करने के सम्बन्ध में ।

महोदय,

सत्यता यह है कि उक्त ग्रामों की 10 हजार बीघा जमीन कच्ची करीब 850 है० भूमि महाजनों के यहां बंधित थी जिसका भुगतान प्रार्थी के पिताजी व दादाजी ने 12.01.1954 से लेकर 28.05.1957 तक किया था जिनके समस्त दाखिल खारिज खतीनियों में हो गये थे, जिसका उल्लेख खतौनी सहित रजिस्टर कागजात मालकान जो महत्वपूर्ण राजस्व पत्र होता है तथा उसी से नामान्त्रण भही बनती है। जिसके उपरान्त दाखिल खारिज होता है। यह सब तहसीलदार खेकड़ा एवं रजिस्ट्रार कानूनगो के पास होता है। इसके साक्ष्य पूर्व में जिला सत्र न्यायालय मेरठ इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश हो चुके है। इन सभी की धज्जियां उडाकर मेरे प्रतिवादीगण जिनके चकबन्दी जोत पत्र 45 पर हाईकोर्ट व सी०ओ० न्यायालय इलाहाबादहाईकोर्ट धारा 109ए आदेश दिनांक 15.07.1970 होना पाया जाता है जो संविधान की नजरों में धूल झोंक रहा है। इन्होने मेरे पिताजी की हत्या कराकर उक्त दोनों गाँव का 1359 फसली वर्ष से लगाकर 1370 फसली वर्ष की 6 खतौनियां असली बदलकर जिनको तहसील मुख्यालय से रंगे हाथ पकड़वाया जा सकता है। जिनको इलाहाबाद हाईकोर्ट में निर्णित होने के बाद तहसील में मेरे दादाजी की वसियत मु०सं० 170 धारा 34 न्यायालय तहसीलदार बागपत आदेश दिनांक 13.07.1977 वादी खीमा पुत्र मानसिंह पक्ष । खुद दादाजी प्रतिवादी ओमपकाश व ईश्वर व बहन संतोष व माता जी हुसनकौर मुस्ममात उपरोक्त तीनों चकबन्दी जोत पत्र 5 बेसिक खतौनी चकबन्दी एवं शुद्ध खतौनी चकबन्दी 1368 ता 1370 फसली खतौनी के आधार पर हो चुका है। आशा है कि न्याय एवं भारत के संविधान की गरिमा बचाने के लिए मैं और मेरे साथी दिनांक 11.06.2025 को शान्तिपूर्वक धरना करेंगे। जिसमें सुप्रीम कोर्ट बार-बार भ्रामक आदेश कर रहा है जो साथ में संलग्न है एवं सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 19 व 5 का उलन्धन है। जिन्दा रहना व न्याय प्राप्त करना तथा घोटाला रंगे हाथ पकड़वाना के लिए आर०टी०आई० सं० 125/2025 सर्वोच्च न्यायालय को 10 करोड़ रूपये की सम्पत्ति के बैनामें जिनपर वह काबिज है सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराकर सत्यता से अवगत कराने हेतु शान्ति पूर्वक धरना कराने सहयोग देंगे। आपकी अति कृपा होगी । दिनांक 09.06.2025

प्रार्थी Omprakash Dhamg ओमप्रकाश धामा पुत्र स्व० श्री पीतम सिंह

नि० कस्बा खेकड़ा, पट्टी औरंगाबाद, घर का स्थायी पता खसरा सं० 9948. 9949, 9950, 9951 मो0नं0-9719540770 आधार कार्ड सं0 2995 8613 2769

२१ ५०० साप मेसलग है

आज दिनांक 20 जून को जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन हुआ                     चिन शरणार्थी समिति

बी-23ए, द्वितीय तल, 20 फीट रोड।

चाणक्य प्लेस पार्ट 1. उत्तम नगर, न्यू डे-11099

ईमेल

आदर्श वाक्य: एक दूसरे की सेवा करो

संदर्भ: सीआरसी क्रो/81/2025

को

तारीख

मिशन प्रमुख यूएनएचसीआर कार्यालय 82/16, वसंत विहार

प्रिय मैडम,

हम आपको म्यांमार में शरण लेने वाले शरणार्थी और शरण चाहने वालों की ओर से लिख रहे हैं, जिनमें से कई 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद भाग गए थे। म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद, मार जुंटा ने हजारों निर्दोष नागरिकों को बेरहमी से मार डाला। मामले को बदतर बनाने के लिए, गांवों को जला दिया गया, जिससे लोग निराश और असहाय हो गए। इन कारकों के कारण कई शरणार्थियों को अपने जीवन की सुरक्षा के लिए मलेशिया, थाईलैंड और भारत भागना पड़ा। हालाँकि, यह जानकर बहुत दुख हुआ कि 2021 के तख्तापलट के बाद म्यांमार के किसी भी शरणार्थी को UNHCR द्वारा शरणार्थी के रूप में मान्यता नहीं दी गई है, जिसमें भारत सरकार द्वारा निर्धारित सख्त सुरक्षा उपायों सहित अनगिनत समस्याएँ और चुनौतियाँ हैं।

हम सम्मानपूर्वक और दृढ़ता से यह व्यक्त करना चाहते हैं कि हम UNHCR की कार्यान्वयन भागीदार एजेंसी (BOSCO) द्वारा प्रस्तावित ऐसे फंड को स्वीकार करने या वर्तमान गंभीर परिस्थितियों में प्रस्तावित समारोह में भाग लेने की स्थिति में नहीं हैं। हमारे कारण हमारी कानूनी, मानवीय और सुरक्षा वास्तविकताओं में गहराई से निहित हैं, जिन्हें हम उम्मीद करते हैं कि UNHCR स्वीकार करेगा और संबोधित करेगा

यद्यपि हम विश्व स्तर पर शरणार्थियों के अधिकारों को बढ़ावा देने में यूएनएचसीआर और साझेदार एजेंसियों के काम को बहुत महत्व देते हैं, फिर भी हमें कई महत्वपूर्ण चिंताओं को सम्मानपूर्वक उजागर करना चाहिए, जो कई शरणार्थियों, विशेष रूप से म्यांमार से वर्तमान में भारत में रह रहे शरणार्थियों के लिए, इस पहल में अपेक्षित रूप से भाग लेना – प्रतीकात्मक और व्यावहारिक रूप से – कठिन बना रही हैं:

1. कानूनी मान्यता और संरक्षण का अभाव

म्यांमार में 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद से, हजारों लोग उत्पीड़न, सशस्त्र संघर्ष और म्यांमार में गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन के कारण देश छोड़कर भाग गए हैं। हममें से कई लोगों को भारतीय कानून के तहत शरणार्थी के रूप में मान्यता नहीं दी गई है, न ही 2021 के बाद से UNHCR द्वारा दस्तावेज़ जारी किए गए हैं। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि हम म्यांमार के नागरिकों को UNHCR (भारत) द्वारा छोड़ दिया जा रहा है और हमें आधिकारिक तौर पर शरणार्थी के रूप में मान्यता नहीं दी गई है, और इसके बजाय हमें हिरासत में लिए जाने, निर्वासन या लंबे समय तक राज्यविहीन होने का खतरा है। औपचारिक शरणार्थी स्थिति या कानूनी सुरक्षा के बिना, हमसे हमारी “शरणार्थी पहचान” का जश्न मनाने के लिए कहना कपटपूर्ण, दर्दनाक और विरोधाभासी लगता है। परिणामस्वरूप:हमें सुरक्षा और कानूनी दर्जा देने से मना किया गया

हम कानूनी रूप से काम नहीं कर सकते, स्वतंत्र रूप से शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते, या गिरफ्तारी या निर्वासन के डर के बिना आगे नहीं बढ़ सकते

2. वर्तमान सुरक्षा एवं राजनीतिक चुनौतियाँ

भारत में मौजूदा राजनीतिक माहौल, जिसमें मौजूदा सत्तारूढ़ सरकार के तहत बढ़ती प्रतिबंधात्मक नीतियां शामिल हैं, ने शरणार्थी आबादी के लिए जीवन को और भी अधिक अनिश्चित बना दिया है। निगरानी, बुनियादी सेवाओं तक सीमित पहुंच और दस्तावेज़ों की कमी के कारण बढ़ती भेद्यता ने हमारे दैनिक संघर्षों को और भी जटिल बना दिया है।

भारत में राजनीतिक स्थिति पर टिप्पणी (2025)

1. भाजपा नेतृत्व वाली सरकार जारी:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2024 के आम चुनावों के बाद भी सत्ता पर काबिज रहेगी।

सरकार राष्ट्रवादी और सुरक्षा-केंद्रित एजेंडा रखती है, जिसमें अक्सर आंतरिक सुरक्षा, सीमा नियंत्रण और राष्ट्रीय पहचान पर जोर दिया जाता है।

2. सख्त आव्रजन और शरणार्थी नीतियां:

भारत के पास कोई राष्ट्रीय शरणार्थी कानून नहीं है, तथा उसने 1951 के संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी सम्मेलन या उसके 1967 के प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं।

सरकार शरणार्थियों और अवैध प्रवासियों को अंतर्राष्ट्रीय संरक्षण की आवश्यकता वाले व्यक्तियों के बजाय अवैध विदेशियों के रूप में मानती है।

3. विदेशी नागरिकों पर बढ़ता दबाव:

हाल के वर्षों में अवैध विदेशियों पर कार्रवाई में वृद्धि देखी गई है, जिसमें हिरासत, निर्वासन और सख्त वीज़ा नियम शामिल हैं।

इससे भारत में बिना किसी औपचारिक मान्यता के रह रहे सभी शरणार्थी और शरण चाहने वाले प्रभावित होंगे।

भारत में शरणार्थियों के सामने आने वाली चुनौतियाँ (2025)

1. म्यांमार से आए शरणार्थियों को कानूनी मान्यता न मिलना

म्यांमार में 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद से कई लोग शरण लेने के लिए भारत भाग गए हैं।

हालाँकि, भारत सरकार ने उन्हें अवैध प्रवासी मानते हुए शरणार्थी के रूप में मान्यता देने से इनकार कर दिया है

यूएनएचसीआर भारत ने 2021 के बाद म्यांमार के नागरिकों को नए शरणार्थी कार्ड जारी करना बंद कर दिया, जिससे कई लोग अपंजीकृत और असुरक्षित रह गए।

2. गिरफ्तारी और निर्वासन का जोखिम

म्यांमार से विशेषकर रोहिंग्या मुसलमानों और चिन ईसाइयों को हिरासत में लेने और निर्वासित करने के कई मामले सामने आए हैं

कोली समाज को SC प्रमाण पत्र न मिलने पर किया जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन 17 जून 2025 को किया गया जल्दी प्रमाण पत्र नहीं जारी किया गया तो होगा बहुत बड़ा आंदोलन दी सरकार को चेतावनी कोली समाज के लोगो ने