सामाजिक प्रभाव और सकारात्मक परिवर्तन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में, “Positive Barta” को आज Asia Book of Records द्वारा एक प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान “किसी एक व्यक्ति द्वारा विभिन्न मंचों पर सबसे बड़े सामाजिक सशक्तिकरण अभियान” जैसी दुर्लभ और अद्वितीय श्रेणी में प्रदान किया गया। यह समारोह राजधानी दिल्ली के प्रतिष्ठित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित हुआ, जहाँ एक ऐसी पहल का उत्सव मनाया गया जिसने चुपचाप, लेकिन गहराई से, पूरे देश में अनगिनत जीवन को छुआ है।
शनिवार दोपहर आरंभ हुए इस आयोजन में कई विशिष्ट अतिथियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें शामिल थे: श्री संजीव घई (राष्ट्रपति भवन के प्रतिनिधि), डॉ. स्वेता झा (एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की प्रतिनिधि), श्री मुकेश कौशिक (दिल्ली ब्यूरो प्रमुख, दैनिक भास्कर), कैप्टन भगीरथ सामुई (अर्जुन अवार्डी व पूर्व वायुसेना अधिकारी), मोहम्मद इरशाद अहमद (वरिष्ठ अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट), डॉ. सुरेश सिंघवी (सह-निदेशक, लिवर ट्रांसप्लांट, सर गंगाराम हॉस्पिटल), श्री गौतम लहरी (अध्यक्ष, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया), श्री एस.एच. शम्स (समूह संपादक, मिसाइल एक्सप्रेस ग्रुप ऑफ न्यूज़पेपर), तथा देश के कोने-कोने से आए अन्य परिवर्तनकर्ता और आशा के वाहक।
यह दिन केवल एक सम्मान समारोह नहीं था, बल्कि यह एक स्वप्न, एक आवाज़ और मानव सशक्तिकरण के प्रति अटूट समर्पण का उत्सव था।
समारोह के दौरान एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की प्रतिनिधि डॉ. स्वेता झा ने Positive Barta के संस्थापक एवं सीईओ श्री मालय पीत को यह सम्मान भेंट किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि Positive Barta का विचार एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बिल्कुल अनोखा है, इसकी कोई समानांतर पहल नहीं है। इसी विशिष्टता के लिए यह सम्मान प्रदान किया जा रहा है।
इस ऐतिहासिक क्षण को चिह्नित करने के लिए Positive Barta द्वारा एक राष्ट्रीय जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया, जिसका शीर्षक था: “Positive Barta: एक आंदोलन सकारात्मकता और सशक्तिकरण का।” यह कार्यक्रम विभिन्न क्षेत्रों के विचारशील नेताओं—शिक्षा, स्वास्थ्य, नागरिक समाज, महिला उद्यमिता सहित समाज के अनेक वर्गों—को एक मंच पर लेकर आया, जहाँ विचारों और भावनाओं का सशक्त संगम हुआ।
एक ऐसे समय में जब दुनिया नकारात्मकता, भय और विभाजन से जूझ रही है, Positive Barta ने एक अलग राह चुनी। यह पहल एक व्यक्ति के इस गहरे विश्वास से शुरू हुई कि अच्छी खबरें मायने रखती हैं, सशक्तिकरण की शुरुआत जड़ों से होनी चाहिए और सकारात्मक कहानियों को व्यापक मंच मिलना चाहिए।
पुरस्कार प्राप्त करते हुए श्री मालय पीत ने कहा: “मैं आभारी हूँ, लेकिन इससे भी अधिक मैं इस बात के प्रति आश्वस्त हूँ कि सबसे बेहतरीन कहानियाँ अधूरी होती हैं। पुरस्कार हमें यह याद दिलाते हैं कि हम सही रास्ते पर हैं – इसका मतलब यह नहीं कि हम मंज़िल पर पहुँच चुके हैं। Positive Barta के पीछे की टीम और उससे जुड़े हजारों जीवनों के लिए यह सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि यह एक याद है कि जब मकसद कार्रवाई को दिशा देता है, तो रिकॉर्ड अपने आप बनते हैं।”
उन्होंने Positive Barta टीम के अथक प्रयासों को याद करते हुए अपने संबोधन का समापन एक सरल निमंत्रण से किया: “आज एक सकारात्मक कहानी घर लेकर जाएँ। हम मानते हैं कि आशा की एक भी कहानी किसी जीवन को बदल सकती है। सोचिए, अगर ऐसी कहानियाँ लाखों हों तो क्या कुछ नहीं हो सकता।”
बबलू कठेरिया
चीफ एडिटर इंडिया 24 anti corruption news
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